Tuesday 9 March 2010

आज मशहुर इलेक्ट्रीक ग़िटार और वायोलिन वादक वान शिप्ले को श्रद्धांजलि

आज यानि दि. 9 मार्च के दिन अपनी शैली के मशहुर विद्यूत हवाईन गिटार और वायोलिन वादक स्व. वान शिप्ले की पूण्यतिथी पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए एक थोडा अलग रूप से उनकी एक ही गाने 'आईये मेहरबान (फिल्म : हवराह ब्रिज) की दो धूने, जो दोनों इलेक्ट्रीक हवाईन ग़िटार पर ही प्रस्तूत है, पर इन दोनोंमें सप्तक कहीं कहीं अलग है और वाद्यवंद भी अलग है ।

पहली धून जब यह फिल्म कुछ साल पहेले एलपी रेकोर्डमें उन्होंनें बजाई थी जिसमें स्टीरीयो असर है और वाद्यवृंद में विजाणू वाद्य सिंथेसाईझर शामिल है । यह धून विविध भारती के राष्ट्रीय प्रसारणमें कभी प्रस्तूत हुई है और रेडियो श्री लंका से भी बजती है ।



जब की दूसरी धून भी सुनिये, जो उस समय 78 आर पी एम रेकोर्डमें उस जमानेमें बजाई थी, जब की फिल्म हावरा ब्रिज नयी और ताझा थी तो स्वाभावीक है कि यह धून मोनो रेकोर्डिंग में है और उसमें वाद्यवृंद मे6 सिर्फ दो या तीन साज़िंदे थे । यह धून सिर्फ़ रेडियो श्री लंका से ही बजती है ।



तो आशा करता हूँ, कि यह दोनों धूने आपको पसंद आयेगी ।
इन दिब्नों इन वादक कलाकारों की जन्म तारीख या मृत्यू तारीख लगातार आने के कारण मेरी पोस्टॅ करीब रोज़ाना प्रस्तूत हो रही है और आनेवाले कल भी एक पोस्ट लिख़ी जायेगी । उसके बाद मार्च महिनेमें 24 तारीख़ को एक श्रदांजलि पोस्ट प्रस्तूत होगी । कुछ पाठको को भी यह पसंद आती है तो आनंद होता है ।
पियुष महेता ।
नानपूरा, सुरत-395001.
PIYUSH MEHTA, गिटार, पियुष महेता, वान शिप्ले, वायोलिन