Friday, 23 November 2007

पियुष महेता द्वारा जारी संगीत पहेली क्रमांक १

आज इरफानजी से क्षमा मांग कर मैं बी थोडा सा उनके नक्शे कदम पर चलने का दिखावा कर रहा हूँ

इधर एक गाने का शुरूआती संगीत प्रस्तूत कर रहा हूँ । जो रवि साहब के संगीतमें हमारी सबकी ग्रेट आशाजीने (यह शब्द श्री ब्रिज भूषणजी ने एक बार सी. रामचन्द्र के एक प्रायोजीत कार्यक्रममें लिया था, उसमें सी. रामचंदजीने नवरंग फिल्म मुजरा गीत आ दिल से दिल मिला ले के बारेमें बात करते हुए प्रयोजे थे ।} गाया है, इतना क्ल्यू शायद सही रहेगा ।


http://www.esnips.com/doc/01b3e5f3-a70a-4ae1-a550-894f0c243c82/PM-RM-Q-1

घन्यवाद ।

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